
Hi everyone, I’m Isha, and I’m here to share my thoughts with you. I hope you enjoy reading this blog and connect with what I’m trying to express. Let’s get started!”
So basically हमारा टॉपिक है “Demotivation”|
Demotivation एक ऐसा अनुभव है, जो कभी न कभी हर इंसान की जिंदगी में आता है। चाहे पढ़ाई हो, काम हो, या लाइफ के बड़े फैसले Demotivation हर जगह देखने को मिलता है।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि डिमोटिवेशन का असली कारण क्या है? और उससे कैसे बाहर निकला जाए?
आज हम Demotivation पर चर्चा करेंगे और जानेंगे कि इसे कैसे दूर किया जा सकता है।
Demotivation : समझें इसके पीछे का कारण
किसी को पढ़ाई का मन नहीं करता।
किसी को अपने काम में मोटिवेशन की कमी महसूस होती है।
और कुछ लोग तो बिना किसी खास कारण के खुद से ही डिमोटिवेटेड रहते हैं।
लेकिन सवाल यह है, “हम डिमोटिवेट क्यों होते हैं?”
असल में, इसका कारण है हमारे काम का उद्देश्य भूल जाना।
पढ़ाई क्यों कर रहे हैं? माँ-बाप को गर्व महसूस कराना चाहते हैं?
काम क्यों कर रहे हैं? अपने और अपनों के लिए बेहतर ज़िंदगी बनाना चाहते हैं?
और अगर कुछ नहीं करेंगे, तो क्या लोग हमें सीरियस से लेंगे?
हर किसी की अपनी वजह होती है हर काम की अपनी वजह होती है लेकिन जब हम इन वजहों को भूल जाते है तो demotivation हमारा साथी बन जाता है
Demotivation से डिप्रेशन तक का सफर
Demotivation का असर सिर्फ मन पर नहीं, बल्कि हमारी पूरी लाइफस्टाइल पर पड़ता है।
काम शुरू करने से पहले ही हम सोचने लगते हैं, “क्या मैं ये कर पाऊँगा?“
स्ट्रेस में खाना-पीना और दूसरों से बात करना तक बंद कर देते हैं। या फिर गुस्से में चिड़चिड़े स्वभाव में बात करते है तब हमारा हमारे इमोशन्स पर कंट्रोल नहीं होता है
तब वो प्वाइंट आता है जब लोग हमसे दूर होने लगते है बात करने से बचने लगते है यहां तक की हमारे खुद के माँ – बाप या फिर हमारे पार्टनर्स भी हमे नहीं समझते की हम क्या सोच रहे है
धीरे-धीरे, यह स्ट्रेस हमें डिप्रेशन की ओर ले जाता है।
सोचिए, क्या आप भी इनसे गुजर रहे हैं?
Demotivation और पैसे का कनेक्शन
क्या आपने कभी खुद से सवाल किया है कि हमारी ओवरथिंकिंग, मेहनत, पढ़ाई, ऑफिस का काम इन सबके पीछे एक ही चीज़ है और वो है “पैसा“
“पैसे से खुशी नहीं खरीदी जा सकती,” यह बात आपने जरूर सुनी होगी। लेकिन क्या आप खुश हैं?
अब कुछ लोग कहेंगे कि “पैसे से खुशी नहीं खरीदी जा सकती, हम शांति नहीं खरीद सकते” वगैरह वगैरह। तो मेरा उन सबसे ये सवाल है, “क्या आप अपनी लाइफ में पीसफुल हैं?”
अगर नहीं, तो फिर दूसरों को क्यों जज कर रहे हो कि “पैसे से कुछ नहीं होता”?
सच्चाई यही है कि पैसे से बहुत कुछ आसान हो जाता है।
पढ़ाई क्यों ज़रूरी है? क्योंकि बिना पढ़ाई के जॉब नहीं।
काम क्यों ज़रूरी है? क्योंकि बिना पैसे के खुद की और अपनों की ज़िंदगी मुश्किल हो जाती है।
कुछ लोगों के पेरेंट्स उनसे उम्मीद रखते हैं कि शायद हमारा बच्चा/बच्ची पढ़ ले तो हमारी लाइफ पहले से बेहतर हो जाए। कुछ अपने लिए पढ़ते हैं कि “मैं अपनी लाइफ ऐसे नहीं जीऊँगा/जीऊँगी जैसे मेरे माँ-बाप जीते आए हैं।”
“मेरे बच्चे या मेरे छोटे भाई-बहन वो सब नहीं देखेंगे जो मैंने देखा है।”
अगर नहीं कमाओगे, तो कौन पूछेगा?
तुम्हारे माँ-बाप? भाई-बहन? पार्टनर?
नहीं , कोई नहीं पूछता।
90% लोग, पैसे कमाने वालों को ही इज़्ज़त देते है वो 90 % लोग, कोई भी हो सकते है यहाँ तक कि तुम्हारी फैमिली भी।
माँ बाप : जो पहले सपोर्ट करते थे धीरे धीरे निराश होने लगते है और सपोर्टिंग नहीं रहते ।
बहन भाई: अगर वो आपसे बेहतर कर रहे है तो उनको आपसे जड़ा इंपॉर्टेंस दी जाती है माँ बाप भी उन्हीं की तरफ झुकते है
समाज : अगर आप फेल हो जाते है तो लोग आपका मजाक उड़ते है और आपको सीरियस नहीं लेते ।
आजकल हर किसी के मोटिवेशन का सबसे बड़ा कारण पैसा ही है। चाहे आप खुद के लिए मेहनत कर रहे हों या अपने परिवार के लिए।
रिश्तों और Demotivation का तालमेल
रिश्तों में Demotivation एक और बड़ी वजह है।
अगर आप बिजी हैं और आपका पार्टनर आपको समझ नहीं रहा, तो यह भी डिमोटिवेशन का कारण बन सकता है।
अगर तुम्हारे पार्टनर तुमसे प्यार करते हैं, तो वो तुम्हें और तुम्हारे बिज़ी शेड्यूल को समझेंगे।
और अगर वो नहीं समझते, उन्हें बस तुम्हारी अटेंशन चाहिए, तुम बात करो, काम ना करो, पढ़ाई ना करो।
और तुम उनकी बात मान भी रहे हो, तुम पढ़ते-पढ़ते चैट्स पर हो।
खा-पी रहे हो, चैट्स करते हुए।
फिर भी वो तुम्हें सेल्फिश बोल रहे हैं। तो यह चीज़ Demotivation को जन्म देती है
याद रखें, “सच्चा प्यार आपकी मेहनत और बिजी शेड्यूल को समझता है।”
जो लोग आपकी पढ़ाई या काम में बाधा बनते हैं, उनके लिए आपको अपने प्रायरिटीज़ क्लियर करनी होंगी।
लड़कियों और लड़कों की जिम्मेदारियाँ:

लड़कों पर दबाव:
हर लड़के से उम्मीद की जाती है कि वह जल्दी कमाने लगे। अगर ऐसा नहीं होता, तो घरवालों की शिकायतें और समाज के ताने उनकी जिंदगी को मुश्किल बना देते हैं। लड़कों पर पैसे कमाने का प्रेशर होता है 90% लड़के अपने पापा से डाँट खाते हैं दिन-रात, कमाने पर, पढ़ने पर। ओर किसी न किसी अधूरे काम पर।
लड़कियों की स्थिति:
लड़कियों पर पढ़ाई के साथ-साथ घर के काम और शादी का दबाव होता है। अगर वो इन उम्मीदों पर खरा नहीं उतरतीं, तो उन्हें भी ताने झेलने पड़ते हैं। उनकी शादी कर दी जाती है। और वही शादी-बच्चे, इसी में उनकी ज़िंदगी सिमटकर रह जाती है
शादी के बाद उनकी पहचान अक्सर उनके करियर से हटकर घरेलू ज़िम्मेदारियों में सिमट जाती है।
शादी न करना मसले का हल नहीं है । शादी करो, लेकिन राइट टाइम पर ।
यहाँ कोई कॉम्पिटिशन नहीं है कि किसकी लाइफ टफ है या किसकी ईज़ी है।
दोनों बराबर हैं।
दोनों की ही लाइफ में बराबर टेंशन रहती है। बस आपको उसे काबू करना आना चाहिए।
अगर आप पढ़ाई या काम में मेहनत नहीं करेंगे, तो समाज आपको महत्व नहीं देगा।
अगर नहीं पढ़ोगे, तो माँ-बाप पर बोझ बन जाओगे। फिर कोई “mumma’s boy ” या ” dad’s girl ” नहीं रह जाता।
ये सब एक टाइम तक है।
कुछ लोगों के पेरेंट्स का तो सीधा सवाल होता है, “हमने क्यों पैदा किया तुम्हें?“
सब के नहीं लेकिन कुछ के पेरेंट्स”, सब के ऐसा नहीं कहते पर कुछ ऐसा कह देते है तो कमाओ ,पढ़ो काबिल बनो कामयाब होइए।
जो समय अभी आपके पास है, उसका सही इस्तेमाल करें।
Demotivation से कैसे बाहर निकलें?

अब सवाल उठता है कि इस सिचुएशन से बाहर कैसे आएं?
अपने उद्देश्यों को याद रखें
हर दिन खुद पूछे , में ये क्यों कर रहा हूँ
छोटे छोटे कदम उठाएं
बड़े टास्क को छोटे हिस्सों में बांटे ।
रूटीन बनाए
सुबह जल्दी उठे एक्सरसाइज करे और अपने दिन को पॉजिटिव एनर्जी के साथ शुरू करे एक ऐसा रुटीन बनाए जो फ़ॉलो करना आसान हो ओर पाबंदी से फ़ॉलो किया जा सके ।
अपनी प्राथमिकता तय करें
प्यार और रिश्ते तभी फलते-फूलते हैं, जब आप खुद को पहले रखें कड़वी सच्चाई का सामना करें और आगे बढ़ें|
यह सच है कि “ट्रू लव” और “फैमिली सपोर्ट” सब कुछ नहीं होता।
अगर आप खुद पर फोकस करेंगे और अपनी पढ़ाई या काम में सफल होंगे, तो वही लोग, जो आज आपको नजरअंदाज कर रहे हैं, कल आपकी तारीफ करेंगे।
अपने आप को सबसे पहले रखो।

“प्यार, सम्मान, और पहचान – सब आपकी मेहनत का नतीजा हैं। इसलिए पहले खुद को और अपने सपनों को प्राथमिकता दें।”
अपने आप को सबसे पहले रखो।
अपनी पढ़ाई, अपना करियर।
प्यार-मोहब्बत पैसा आने पर अपने आप चलकर आ जाता है।
पर वक्त नहीं।
वक्त कभी चलकर नहीं आएगा।
लोग तुम्हें सेल्फिश बोले और तुम्हें ये सब सोचकर कॉम्प्लिमेंट लगे। इस हद तक तुम अपने आप को फर्स्ट रखो।
निष्कर्ष
Demotivation हर किसी की ज़िंदगी में आता है, लेकिन इससे निपटना हमारे हाथ में है। नाकामयाबी और सोसायटी का दबाव हमें पीछे खींच सकते हैं, लेकिन यही मुश्किलें हमें मजबूत भी बनाती हैं।
ज़िंदगी में पैसा, रिश्ते, और पहचान सभी जरूरी हैं, लेकिन सबसे ज्यादा जरूरी है खुद पर विश्वास रखना। अगर आप अपने लक्ष्य को लेकर ईमानदार हैं और मेहनत करने को तैयार हैं, तो कोई भी मुश्किल आपको रोक नहीं सकती।
याद रखें, “आपकी कामयाबी ही आपका सबसे बड़ा जवाब है।”
इसलिए खुद को प्राथमिकता दें, वक्त का सही इस्तेमाल करें, और हर दिन एक कदम अपने लक्ष्य की ओर बढ़ाएँ।
“आपका सफर मुश्किल जरूर होगा, लेकिन उसकी मंजिल हमेशा खास होती है।”
Demotivation :> https://www.pushfar.com/article/5-ways-to-tackle-demotivation/
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