
1. भारत और रूस के बीच मजबूत रिश्ते
भारत औरRussia के रिश्ते सिर्फ आर्थिक नहीं बल्कि रणनीतिक और सांस्कृतिक भी हैं। कोल्ड वॉर के समय से दोनों देशों के बीच स्ट्रांग डिप्लोमेटिक टाईज हैं, जो आज भी डिफेंस और एनर्जी सेक्टर में पार्टनरशिप को और मजबूत बना रहे हैं।
Historical Context
कोल्ड वॉर के दौरान, रूस और भारत ने डिफेंस और स्ट्रैटेजिक कोलैबोरेशन में काफी प्रोग्रेस किया। ये रिलेशन सिर्फ मिलिट्री सप्लाईज तक सीमित नहीं था, बल्कि इसने भारत के इंडस्ट्रियल और टेक्नोलॉजिकल डिवेलपमेंट को भी मदद दी।
Strategic Autonomy
भारत की नॉन-एलायनमेंट पॉलिसी उसकी फॉरेन पॉलिसी का एक स्ट्रॉंग पिलर रही है।Russia के साथ भारत अपने रिश्ते को बैलेंस में रखते हुए, अपनी स्ट्रैटेजिक ऑटोनॉमी को प्रोटेक्ट करता है।
2. हालिया बैठकें और हाई-लेवल डिस्कशन
कुछ समय पहले रूस के पहले डिप्टी प्राइम मिनिस्टर ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और इस मुलाकात में ट्रेड और एनर्जी पर फोकस्ड डिस्कशन हुए। एक्सटर्नल अफेयर मिनिस्टर एस. जयशंकर ने भी इंडिया-रूस टाईज़ के पिलर्स को हाइलाइट किया है।
Discussion Points
Trade Volume: भारत और Russia ने 2030 तक $100 बिलियन का ट्रेड टार्गेट सेट किया है।
Energy Sector: Russia भारत को ऑयल और गैस सप्लाई में एक ट्रस्टेड पार्टनर है, और यह रिलेशन आगे और बढ़ने की संभावनाएं रखता है।
Defense Cooperation: S-400 मिसाइल सिस्टम और ब्रह्मोस मिसाइल जैसे जॉइंट वेन्चर्स भारत के डिफेंस को मजबूती देते हैं।
Jaishankar’s Remarks
जयशंकर ने कहा है कि भारत-रूस के बीच के रिलेशन कुछ स्पेसिफिक पिलर्स पर बेस्ड हैं, जो इन दोनों देशों की फॉरेन पॉलिसी और इकनॉमिक पॉलिसी को रिफ्लेक्ट करते हैं।
3. ट्रेड रिलेशन्स: भारत और रूस के बीच का बढ़ते व्यापार
भारत और Russia के बीच का ट्रेड हर साल नई ऊंचाई चू रहा है। अब दोनों देश 2030 तक अपने ट्रेड वॉल्यूम को $100 बिलियन तक ले जाने का टार्गेट अचीव करने पर फोकस्ड हैं।
Key Exports और Imports
Imports from Russia: ऑयल, गैस, फर्टिलाइज़र, और मेटल्स।
Exports to Russia: फार्मास्युटिकल्स, एग्रीकल्चरल प्रोडक्ट्स, और टेक्सटाइल्स।
Energy Sector में Collaboration
भारत अपनी एनर्जी सिक्योरिटी को एश्योर करने के लिए रूस पर काफी निर्भर है। हालिया समय में रूस से ऑयल इम्पोर्ट्स बढ़ने लगे हैं, जो भारत की एनर्जी नीड्स को फुलफिल करते हैं।
4. डिफेंस कोऑपरेशन: S-400 और ब्रह्मोस जैसे जॉइंट वेन्चर्स
भारत और Russia का डिफेंस कोलैबोरेशन दोनों देशों के बीच की रिलेशन्स को और भी मजबूत बनाता है। रूस भारत का एक ट्रस्टेड डिफेंस पार्टनर है और ये कोलैबोरेशन दोनों देशों की सिक्योरिटी नीड्स को अड्रेस करता है।
Key Defense Projects
S-400 Missile System: रूस से भारत ने S-400 मिसाइल सिस्टम प्रोक्र्योर किया है जो भारत की डिफेंस कैपिबिलिटीज को एन्हांस करता है।
BrahMos Missile: भारत और रूस का जॉइंट वेन्चर, ब्रह्मोस, एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है जो भारत के डिफेंस सेक्टर में एक सिग्निफिकेंट अचीवमेंट है।
5.Future Prospects
डिफेंस कोलैबोरेशन में फ्यूचर पॉसिबिलिटीज जैसे एडवांस्ड वेपन्स सिस्टम और जॉइंट मिलिट्री एक्सरसाइजेस भी एक्सप्लोर किए जा रहे हैं।
एनर्जी मार्केट में रूस का बड़ा रोल और भारत के लिए ऑपर्च्यूनिटीजरूस दुनिया का एक मेजर ऑयल और गैस एक्सपोर्टर है और भारत की एनर्जी नीड्स को पूरा करने में इसका इम्पोर्टेंट रोल है। अब जब रूस और वेस्टर्न कंट्रीज़ के रिलेशन्स टेन्स हैं, भारत के पास एनर्जी पार्टनरशिप को और मजबूत करने का मौका है।
6.Russia Se Oil Imports
हालिया महीनों में भारत ने रूस से ऑयल इम्पोर्ट्स में काफी इंक्रीमेंट किया है जो भारत की एनर्जी सिक्योरिटी को और स्ट्रेंथन करता है।
7.Renewable Energy में Collaboration
भारत और रूस के बीच रिन्यूएबल और न्यूक्लियर एनर्जी सेक्टर में भी फ्यूचर कोलैबोरेशन की पॉसिबिलिटीज हैं जो दोनों देशों की एनर्जी पॉलिसीज को और ग्रीन और सस्टेनेबल बना सकती हैं।
सांस्कृतिक रिश्ते: एजुकेशन और टूरिज़्म में भारत और रूस के रिश्ते
आर्थिक और स्ट्रैटेजिक रिलेशन्स के अलावा, भारत और रूस के बीच के सांस्कृतिक टाईज़ भी काफी स्ट्रॉन्ग हैं। हर साल काफी भारतीय स्टूडेंट्स रूस में मेडिकल और टेक्निकल एजुकेशन के लिए जाते हैं।
Education
रूस के टॉप यूनिवर्सिटीज़ भारतीय स्टूडेंट्स को अट्रैक्ट करती हैं और ये स्टूडेंट्स दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक अंडरस्टैंडिंग को और डीप करते हैं।
Tourismभारत और रूस के सिटिजन्स के बीच टूरिज़्म बढ़ रहा है, जो सांस्कृतिक एक्सचेंज और अंडरस्टैंडिंग में मददगार है।
8. भारत और रूस के भविष्य संबंधों में की चैलेंजेस
हर रिलेशन के कुछ चैलेंजेस होते हैं और भारत-रूस का रिलेशन भी इससे अलग नहीं है। ग्लोबल जियोपॉलिटिकल डायनेमिक्स और रीजनल कॉन्फ्लिक्ट्स इन रिश्तों पर इम्पैक्ट डाल सकते हैं।
9.Sanctions और Global Pressure
रूस पर वेस्टर्न कंट्रीज़ के सैंक्शंस भारत के ट्रेड और एनर्जी रिलेशन्स पर भी इम्पैक्ट डाल सकते हैं।
10.Competition with China
रूस और चीन के रिश्ते भी स्ट्रॉन्ग हैं और ये बैलेंस भारत और रूस के रिश्तों में कभी-कभी चैलेंज क्रिएट कर सकता है।
Conclusion
भारत और रूस के रिलेशन्स सिर्फ एक डिप्लोमेटिक टाई नहीं हैं, ये दोनों देशों की इकनॉमीज़, डिफेंस नीड्स और एनर्जी सिक्योरिटी को भी एक स्ट्रॉंग सपोर्ट प्रोवाइड करते हैं। हालिया डिवेलपमेंट्स जैसे $100 बिलियन ट्रेड टार्गेट और हाई-लेवल मीटिंग्स दोनों देशों के म्यूचुअल इंटरेस्ट्स को और मजबूत तरीके से प्रेजेंट करते हैं। अब देखना ये है कि फ्यूचर में ये रिलेशन्स किस तरह से नए हाइट्स अचीव करते हैं और कैसे दोनों देश ग्लोबल चैलेंजेस को मिलकर फेस करते हैं।
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